आईआईएम सिरमौर के 297 मेधावियों ने हासिल की उपाधियां, दर्शिनी.पी को चेयरमैन स्वर्ण पदक
धौलाकुआं कैंपस में आयोजित हुआ भारतीय प्रबंध संस्थान सिरमौर का आठवां दीक्षांत समारोह
NEWS Himachal
नाहन, 06 अप्रैल, 2024
भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) सिरमौर का आठवां दीक्षांत समारोह नव निर्मित धौलाकुआं परिसर में आयोजित किया गया। इस अवसर पर हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक पुष्प कुमार जोशी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। जबकि आईआईएम संचालक मंडल के अध्यक्ष अजय एसश्रीराम ने समारोह की अध्यक्षता की। दीक्षांत समारोह में कुल 297 स्नातक छात्रों को एमबीए की डिग्रियां प्रदान की। इनमें 246 छात्रों को एमबीए और 51 छात्रों को एमबीए इन टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट की उपाधियां प्रदान की गईं। स्नातक करने वाले छात्रों में 80 महिला छात्र शामिल रहीं। दर्शिनी.पी को एमबीए के लिए चेयरमैन स्वर्ण पदक मिला। जबकि निदेशक पदक हारिस सुब्रमण्यम एस को प्रदान किया गया। राहुल गोयल को सर्वश्रेष्ठ ऑल राउंड प्रदर्शन के लिए पुरस्कार मिला। दर्शिनी.पी और चेतन्य नंदा को क्रमशः वित्त और विपणन क्षेत्रों में टॉपर्स के रूप में स्वर्ण पदक प्राप्त हुए। जतिन शर्मा को एमबीए इन टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी प्रोग्राम में सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक मिला। इससे पूर्व अपने उद्घाटन भाषण में अजय श्रीराम ने संस्थान की कई उपलब्धियों को सूचीबद्ध करते हुए कहा कि यह उल्लेखनीय है कि दीक्षांत समारोह पहली बार अपने परिसर में आयोजित किया जा रहा है, जो जल्द ही देश के सबसे सुरम्य एवं सस्टेनेबल परिसरों में से एक होगा। संस्थान आगामी शैक्षणिक वर्ष में स्थायी परिसर से संचालन शुरू कर देगा। उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था में बड़े रुझानों और भारत के तेजी से बदलते और सहायक नियामक वातावरण पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की। जिसमें चिप, रक्षा और खनन सहित प्रमुख क्षेत्र बढ़ रहे हैं। आईआईएम सिरमौर के निदेशक प्रोफेसर प्रफुल्ल अग्निहोत्री ने संस्थान का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने पिछले शैक्षणिक वर्ष में संकाय, कर्मचारियों और छात्रों द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों को पेश किया। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष, विविध पृष्ठ भूमियों से 10 शिक्षक और 30 स्टाफ संस्थान में शामिल हुए। संस्थान में वर्तमान में 41 शिक्षक हैं, जो प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से डॉक्टरेट हैं। संस्थान ने पिछले शैक्षणिक वर्ष में सात संगठनों के साथ प्रबंधन विकास कार्यक्रम आयोजित किए। जिनमें से आईओसीएल, एचपीसीएल, हेल्थकेयर फार्मास्युटिकल, स्टीलमिंट, आई-मेट्रो, हिमाचल प्रदेश का तकनीकी शिक्षा विभाग और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज प्रमुख रहे। उन्होंने कहा कि संस्थान ने इस वर्ष 100 फीसदी ग्रीष्मकालीन प्लेसमेंट पूरा कर लिया है। मुख्य अतिथि पुष्प कुमार जोशी ने संस्थान से बाहरी दुनिया में कदम रखने पर पर सभी मेधावियों को बधाई दी। साथ ही आत्मनिरीक्षण के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि जीवन नौकरी करने से कहीं कहीं बड़ा है। उन्होंने कहा, “हम ट्रेडमिल पर दौड़ते हैं, लेकिन हम ट्रेडमिल पर आगे बढ़ने की उम्मीद नहीं कर सकते। एक अवधि के बाद आपको अपने स्वयं की खोज का एक चरण शुरू करना होगा। इसके लिए उन्होंने इंटेलिजेंस कोशेंट (आईक्यू), भावनात्मक कोशेंट (ईक्यू) और आध्यात्मिक कोशेंट (एसक्यू) के महत्व पर प्रकाश डाला, जो छात्रों को जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद करेगा।